कमाल की बात है कि इलायची जैसे गुणकारी चीजें आराम से मिल सकती हैं और इनका प्रयोग भी आसान होता है। इसमें से एक चीज़ है, इलाइची! चलिये जानें इलाइची कैसे यौन क्षमता बढ़ाने में मददगार होती है।
कैसे करती है ये फायदा-
भारतीय मसाले में कीमती और मसालों की महारानी कही जाने वली इलायची के इस्तेमाल से कामेच्छा को बढ़ाया जा सकता है। इलायची का सेवन आमतौर पर सांस और मुंह को साफ रखने के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की होती है, हरी या छोटी इलायची व बड़ी इलायची।
इलायची को वाजीकरण नुस्खे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इलायची एक ऐसे टॉनिक के रूप में भी काम करती है जिससे कामोत्तेजना में वृद्धी होती है। यह शरीर को ताकत प्रदान करने के साथ-साथ असमय स्खलन व नपुंसकता की समस्या से भी मुक्त कराने में सहायक होती है। इसका सेवन करने के लिये दूध में इलायची डालकर उबालें। ठीक से उबल जाने के बाद इसमे थोड़ा शहद मिलाएं और नियमित रूप से रात को सोते समय इसका सेवन करें। इसके नियमित सेवन से यौन क्षमता में इज़ाफा होता है और दामपत्य जीवन सुखमय बनता है।
अन्य फायदे –
इसका अलावा मुंह में छाले की समस्या को दूर करने के लिये बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जीभ पर रखने से छाले दूर होते हैं। लेकिन रात के समय इलायची न खायें, इससे खट्टी उकारें आने की शिकायद हो सकती है। साथ ही महिलाओं को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिये, क्योंकि इसके अधिक सेवन से महिलाओं में गर्भपात होने की भी संभावना होती है।
हरी इलायची को हम केवल मुंह साफ करने वाले मसाले के तौर पर जानते हैं। हमारी रसोई में यह हमेशा विद्यमान रहती है। इसके कुछ फायदों के बारे में भले ही हमें जानकारी हो लेकिन क्या हम जानते हैं कि दूध और इलायची के संयोग से एक सशक्त वाजीकरण नुस्खा तैयार होता है।
मुंह की बदबू होती है दूर :
सभी जानते हैं कि इलायची खाने से मुंह की बदबू दूर होती है लेकिन क्या यह सोचा है कि मुंह से बदबू क्यों आती है। दरअसल पेट खराब होने के कारण मुंह से बदबू आने लगती है। हरी इलायची खाने से पेट का हाजमा ठीक होता है साथ ही इसमें मौजूद एक ताकतवर एंटीबैक्टेरियल रसायन की वजह से मुंह की बदबू भी खत्म होती है।
यह समस्या को जड़ से निकालने में मदद करती है। इसका नियमित सेवन करने के लिए कोई टिप की आवश्यकता नहीं है, हर बार भोजन के बाद इलायची खाना शुरु कर दें। इसके अलावा सुबह उठते ही केवल इलायची की चाय यानी इलायची को पानी में उबालकर एक कप पिएं। इससे आपका हाजमा ठीक हो जाएगा।
पाचन की प्रक्रिया दुरुस्त होती है :
कभी यह सोचा है कि भोजन के बाद इलायची को सौंफ के साथ ही क्यों खाया जाता है? दरअसल इलायची में मौजूद तत्व हाजमें की प्रक्रिया को गति को तेज करने में सहायक होते हैं। इलायची पेट की अंदरूनी लाइनिंग की जलन को शांत करती है हृदयशोथ और उबकाइयां आने के एहसास को दबाती है।
यह म्यूकस मैंब्रेन की दाह को शांत करने तथा उसे ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए जानी जाती है। यह ऐसिडिटी के लक्षणों को भी कम करती है। आयुर्वेद में तो यह पेट के पानी और वहां मौजूद वायु को ठीक करने वाली मानी गई है।
बदहजमी, पेट फूलना, गैसेस जैसी समस्या से निपटने के लिए हरी इलायची, खड़ा धनिया, लौंग,सुखी अदरक को मिलाकर पीस लें और गर्म पानी के साथ एक चम्मच लें। बदहजमी के कारण उठे सिरदर्द में हरी इलायची की चाय फायदा करती है।