भारतीय समाज में पवित्र माना जाता है पान।सांस की बीमारी में पान का तेल है फायदेमंद।
पान का सेवन पायरिया से दिलाता है राहत।
बिना तम्बाकू वाले पान का ही करें सेवन।भारतीय समाज में पूजा में पान के पत्तों का प्रयोग पुरातन काल से किया जाता रहा है। पान खाने के शौकीन तो नवाबों से लेकर आम जनता तक रही है। और आज भी पान भारत के हर संस्कृति में उपयोग होता है। लेकिन, यह पान न केवल मुंह का रंग और जायका बदलता है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। आइये इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं पान के ऐसे ही 15 फायदे।
पान को भारतीय सभ्यता और संकृति के हिसाब से बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पान खाने के भी बहुत फायदे हैं, बशर्ते यह तम्बाकू वाला न हो। पान खाना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
इसका प्रयोग करके कई प्रकार की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। पान में क्लोरोफिल पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इसके रस को कई प्रकार की दवाईयां बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। आइए हम आपके स्वादिष्ट पान के गुणों के बारे में बताते हैं।
मुंह की तकलीफों से लेकर डायबिटीज तक को दूर करने में पान बेहद उपयोगी होता है । पान का सेवन कई बीमारियों से बचाता है। साथ ही कई रोगों का इलाज भी पान की पत्तियों के जरिये किया जा सकता है।
पान के लाभ –
पायरिया के मरीजों के लिए पान बहुत फायदेमंद है। पायरिया होने पर पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया की शिकायत दूर हो जाती है। लेकिन पान की पीक पेट में जानी नहीं चाहिए। खांसी आने पर भी पान फायदा करता है। खांसी आने पर पान में अजवाइन डालकर चबाने से लाभ होता है। गर्म हल्दी को पान में लपेटकर चबाएं, फायदा होगा।
किडनी खराब हो तो भी पान काफी फायदेमंद साबित होता है। किडनी खराब होने पर मसाले, मिर्च एवं शराब (मांस एवं अंडा भी) से परहेज करना चाहिए।
चोट लगने पर पान बहुत फायदेमंद है। अगर कहीं चोट लग जाए तो पान को गर्म करके परत-परत करके चोट वाली जगह पर बांध लेना चाहिए। इससे दर्द में आराम मिलता है।
जले पर पान लगाने से भी फायदा मिलता है। जल जाने पर पान को गर्म करके लगाने से दर्द कम होता है।
मुंह के छालों के लिए पान बहुत फायेदेमंद होता है। छाले पड़ने पर पान के रस को देशी घी से लगाने पर प्रयोग करने से फायदा होता है।
जुकाम होने पर पान को लौंग में डालकर खाना चाहिए।
सांस की नली में दिक्कत होने पर पान का तेल प्रयोग फायदा देता है। पान के तेल को गर्म करके सोते वक्त सीने पर लगाने से श्वास नली की बीमारियां समाप्त होती हैं।
पान में पकी सुपारी व मुलेठी डालकर खाने से मन पर अच्छा असर पड़ता है।
सावधानी
हमारे देश में कई तरह के पान मिलते हैं। इनमें मगही, बनारसी, गंगातीरी और देशी पान दवाइयों के रूप में ज्यादा प्रयोग किया जाता है। लेकिन ज्यादा पान खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए ज्यादा पान का प्रयोग करने से बचना चाहिए।पान के लाभ
पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया दूर हो जाता है। लेकिन पान की पीक पेट में जानी नहीं चाहिए।खांसी आने पर पान में अजवाइन डालकर चबाने से लाभ होता है। गर्म हल्दी को पान में लपेटकर चबाएं, फायदा होगा।
किडनी खराब होने पर पान का सेवन करना लाभकारी होता है। इस दौरान तेज मसाले, शराब एवं मांसाहार से परहेज करना चाहिए।
चोट पर पान को गर्म करके परत-परत करके चोट वाली जगह पर बांध लेना चाहिए। इससे दर्द में आराम मिलता है।
जले पर पान लगाने से भी फायदा मिलता है। जल जाने पर पान को गर्म करके लगाने से दर्द कम होता है।
मुंह के छालों के लिए पान बहुत फायेदेमंद होता है। छाले पड़ने पर पान के रस को देशी घी से लगाने पर प्रयोग करने से फायदा होता है।
जुकाम होने पर पान को लौंग में डालकर खाना चाहिए।
पान के तेल को गर्म करके सोते वक्त सीने पर लगाने से श्वास नली की बीमारियां समाप्त होती हैं।
कब्ज होने पर पान का सेवन काफी फायदा करता है।
माथे पर पान के पत्तों का लेप लगाने से सिरदर्द दूर हो जाता है।
पान के पत्तों के रस में शहद मिलाकर पीने से अंदरूनी दर्द व थकावट और कमजोरी को दूर किया जा सकता है।
धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, तो पान के ताजा पत्ते चबायें। इससे आपको धूम्रपान छोड़ने में मदद मिलेगी।
कमर दर्द से राहत पाने के लिए उस पर पान के पत्तों से मसाज करें, लाभ होगा।
पान के पत्ते चबाने से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।
मसूड़ों से खून आने पर पान के पत्तों को पानी में उबालकर उन्हें मैश कर लें। इन्हें मसूड़ों पर लगाने से खून बहना बंद हो जाता है।
सावधानी
हमारे देश में कई तरह के पान मिलते हैं। इनमें मगही, बनारसी, गंगातीरी और देशी पान दवाइयों के रूप में ज्यादा प्रयोग किया जाता है। लेकिन ज्यादा पान खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए ज्यादा पान का प्रयोग करने से बचना चाहिए।पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया दूर हो जाता है। लेकिन पान की पीक पेट में जानी नहीं चाहिए।पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया दूर हो जाता है। लेकिन पान की पीक पेट में जानी नहीं चाहिए।
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