चुकंदर
चुकंदर में पाये जाने वाले बेटानिन नामक तत्व से लाल रंग प्राप्त होता है। इस रंग का उपयोग कई प्रकार की खाने की चीजों जैसे टमाटर की सॉस , मिठाई , जैम , जैली , आइसक्रीम आदि के लिए किया जाता है।
चूकंदर का उपयोग अधिकतर सलाद में किया जाता है। इसे सब्जी बना कर या उबाल कर भी खाया जाता है। चूकंदर का हलवा बनता है जो स्वादिष्ट होने के साथ बहुत लाभदायक भी होता है। चूकंदर का अचार भी बनता है। चूकंदर का उपयोग करने से पेशाब का या विष्ठा का रंग लाल या गुलाबी हो सकता है पर इसमें घबराना नहीं चाहिए , इससे कुछ नुकसान नहीं होता है। चूकंदर को सब्जी या सलाद के लिए काटते समय आपके हाथ में लाल रंग लग सकता है। यह रंग नींबू के रस से घिसकर धोने से निकल जाता है।
चुकंदर के पोषक तत्व – Beetroot Nutrients
चुकंदर में कई प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है। इसकी विशेषता इसमें पाये जाने वाले नाइट्रेट तथा फाइबर होते है जिनका शरीर पर एक अलग ही प्रभाव पड़ता है। चुकंदर में फोलेट काफी मात्रा में होता है। इससे फोलिक एसिड मिलता है जो खून की कमी दूर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त चुकंदर में विटामिन सी , कैल्शियम , मेगनीज , आयरन , मैग्नेशियम , फास्फोरस , सोडियम , ज़िंक , कॉपर जैसे खनिज पाये जाते है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है। इस कारण यह भरपूर ऊर्जा देता है। सब्जियों में सबसे अधिक शक्कर चूकंदर में ही होती है।
चुकंदर के फायदे – Beetroot Benefits/nutrition
शारीरिक क्षमता में वृद्धि
चूकंदर के उपयोग से रक्त का संचारण बढ़ता है। ब्लड प्रेशर कम होता है। यह शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है , विशेषकर कड़ी मेहनत वाली
एक्सरसाइज़ करते समय । यह दौड़ने या साइकिल चलाने की क्षमता में वृद्धि कर सकता है। ये सब फायदे चूकंदर में मौजूद नाइट्रेट के कारण
होते है। चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट तत्वो से नाइट्राइट और नाइट्रिक ओक्साइड मिलते है। ये दोनों तत्व रक्त की धमनियों को लचीला और चौड़ा
बनाते है। इस कारण ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता। ब्लड प्रेशर पर चूकंदर खाने का प्रभाव जल्दी नजर आता है।
धमनियों के चौड़ा होने का फायदा यह भी होता है कि शरीर के प्रत्येक अंग में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंचती है। इसके कारण ऊर्जा का स्तर सही बना रहता है। जल्दी थकान नहीं होती है ।
ह्रदय रोग
चुकंदर में घुलनशील फाइबर प्रचुर मात्रा में होते है। इसमें बीटा सियानिन तथा बेटानिन नामक एंटीऑक्सिडेंट होते है। ये ताकतवर एंटी ऑक्सीडेंट होते है जो नुकसान दायक कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करते है तथा इसे धमनियों में जमने नहीं देते । इस तरह ह्रदय रोग से बचाव हो सकता है। चुकंदर का ब्लड प्रेशर को कम करने वाला गुण भी ह्रदय रोग से बचाता है।
खून की कमी
चूकंदर में भरपूर मात्रा में फोलिक एसिड होता है। फोलिक एसिड की कमी से लाल रक्त कणों में कमी होकर एनीमिया हो सकता है।चूकंदर का रस नियमित कुछ दिन पीने से खून की कमी दूर होकर कमजोरी दूर होती है। फोलिक एसिड गर्भावस्था में बहुत आवश्यक होता है। इसकी कमी से महिला या पेट में पल रहे बच्चे को तकलीफ हो सकती है।
यौन सम्बन्ध
चुकंदर को प्राकृतिक वियाग्रा कहा जाता है। क्योकि चुकंदर के उपयोग से शरीर को नाइट्रिक ऑक्साइड मिलता है। इससे नसें फ़ैल जाती है और उनमे रक्त आसानी से दौड़ता है। गुप्तांग में भी रक्त की मात्रा पर्याप्त रूप से पहुंचती है। इस कारण लिंग में पर्याप्त कड़ापन आता है। स्त्री पुरुष के यौन अंगों की कार्यविधि सुधरती है। यही काम वियाग्रा भी करती है। इसके अतिरिक्त चुकंदर में बोरोन नामक तत्व होता है जो सेक्स हार्मोन बनने में मददगार होता है। इस प्रकार चुकंदर का उपयोग यौन सम्बन्ध के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। गर्भ निरोध के उपाय , साधन और उनके फायदे नुकसान के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लीक करें।
हड्डीयाँ और दांत
चूकंदर में सिलिका खनिज होता है जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। अतः चूकंदर खाने से हड्डियां और दांत मजबूत बनने में मदद मिलती है। दांत में कीड़ा जल्दी से नहीं लगता।
पाचन तंत्र
चुकंदर से मिलने वाला घुलनशील फाइबर से आंतें साफ रहती है। इस वजह से कब्ज और बवासीर की परेशानी से बचाव होता है। इसका फाइबर पाचन तंत्र से हानिकारक तत्वों को मिटाकर उसे मजबूत बनाते है।
माहवारी
माहवारी के समय होने वाले कमर दर्द , पीठ दर्द , तथा कमजोरी के लिए चुकंदर का नियमित उपयोग लाभदायक होता है। खून की कमी दूर होकर हीमोग्लोबिन का स्तर सही बना रहता है। खून की कमी होने से माहवारी के समय ज्यादा परेशानी होती है तथा इससे रक्तस्राव भी अधिक मात्रा में हो सकता है। अतः महिलाओं को चुकंदर का नियमित उपयोग अवश्य करना चाहिए।
चुकंदर से नुकसान
चुकंदर में ऑक्जेलेट होता है। यह गुर्दे की पथरी की शिकायत वाले लोगों को कम मात्रा में उपयोग में लेना चाहिए।
इसमें कुछ विशेष प्रकार के कार्बोहाइड्रेट से किसी किसी को पेट दर्द आदि की शिकायत हो सकती है। ऐसी अवस्था में इसे कम मात्रा में अथवा चिकित्सक की सलाह के बाद उपयोग करना चाहिए।
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