गिलोय का नाम आते ही लोगों के दिमाग में आयुर्वेद और इम्यूनिटी की ताकत याद आती है। इसे संस्कृत में “अमृता” कहा जाता है, जिसका मतलब है अमरत्व देने वाली बेल। गिलोय एक हरी लता (बेल) होती है जो पेड़ों पर चढ़ती है और बरसों से आयुर्वेदिक औषधियों में इस्तेमाल की जा रही है।
कोरोना काल के
दौरान तो गिलोय
ने और भी
ज्यादा लोकप्रियता पाई क्योंकि
इसे इम्यूनिटी बूस्टर
माना जाता है।
लेकिन क्या सच
में गिलोय इतना
असरदार है? आइए
जानते हैं गिलोय
खाने के फायदे
और नुकसान विस्तार
से।
- गिलोय के फायदे
1. इम्यूनिटी को
मजबूत
करे
गिलोय में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते
हैं। ये शरीर
की रोग प्रतिरोधक
क्षमता बढ़ाकर बार-बार
होने वाले सर्दी-जुकाम और बुखार
से बचाता है।
2. बुखार
में
राहत
चाहे टाइफाइड हो या
मलेरिया, गिलोय बुखार कम
करने के लिए
आयुर्वेद में खूब
इस्तेमाल होता है।
गिलोय का काढ़ा
पीने से शरीर
जल्दी रिकवर करता
है।
3. पाचन तंत्र
के
लिए
फायदेमंद
गिलोय गैस, कब्ज
और एसिडिटी जैसी
पेट की समस्याओं
को दूर करने
में मदद करता
है।
4. डायबिटीज कंट्रोल करे
गिलोय का रस
ब्लड शुगर लेवल
को कंट्रोल करने
में मददगार माना
जाता है। इसीलिए
इसे “मधुनाशिनी” यानी
शुगर नाश करने
वाली भी कहा
गया है।
5. स्किन और
बालों
के
लिए
अच्छा
गिलोय शरीर को
अंदर से डिटॉक्स
करता है, जिससे
त्वचा साफ और
ग्लोइंग दिखती है। इसके
अलावा बालों को
झड़ने से बचाने
में भी मदद
करता है।
6. तनाव और
थकान
दूर
करे
गिलोय न सिर्फ
शरीर बल्कि दिमाग
को भी शांत
करता है। ये
स्ट्रेस कम करने
और एनर्जी लेवल
बढ़ाने में मदद
करता है।
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गिलोय
खाने
का
सही
तरीका
काढ़ा – गिलोय की डंडी
को पानी में
उबालकर काढ़ा बनाएं और
दिन में एक
बार पिएं।
रस
(Juice) – मार्केट में गिलोय
का जूस आसानी
से मिल जाता
है, सुबह खाली
पेट 20–30 ml लेना फायदेमंद
है।
पाउडर
– गिलोय का पाउडर
पानी या शहद
के साथ लिया
जा सकता है।
गिलोय-
तुलसी मिश्रण – इम्यूनिटी
के लिए गिलोय
और तुलसी का
कॉम्बिनेशन सबसे अच्छा
माना जाता है।
- गिलोय
खाने
के
नुकसान
भाई, जैसा कहते
हैं “अति सर्वत्र
वर्जयेत्” – यानी किसी
भी चीज़ की
अति नुकसान करती
है। गिलोय भी
ज्यादा लेने से
साइड इफेक्ट हो
सकते हैं 👇
लो ब्लड शुगर
– डायबिटीज वाले मरीज
अगर गिलोय ज्यादा
ले लें तो
शुगर बहुत नीचे
गिर सकता है।
ऑटो-इम्यून डिज़ीज़
– जिन्हें पहले से
ऐसी बीमारियां हैं,
उन्हें गिलोय डॉक्टर से
पूछकर ही लेनी
चाहिए।
प्रेगनेंसी और स्तनपान
– गर्भवती और स्तनपान
कराने वाली महिलाओं
को गिलोय लेने
से पहले डॉक्टर
से सलाह जरूर
लेनी चाहिए।
लंबे समय तक
ज्यादा
मात्रा
– लगातार और बड़ी
मात्रा में लेने
से लीवर पर
असर पड़ सकता
है।
- निष्कर्ष
गिलोय सच में
आयुर्वेद का खजाना
है। अगर इसे
सही मात्रा और
सही तरीके से
लिया जाए तो
ये इम्यूनिटी से
लेकर पाचन और
स्किन-बालों तक
के लिए बेहद
फायदेमंद है। लेकिन
इसे ओवरडोज़ में
लेना या बिना
जानकारी के लगातार
इस्तेमाल करना नुकसान
भी पहुंचा सकता
है।
इसलिए गिलोय को रोज़मर्रा
की जिंदगी में
शामिल करने से
पहले उसकी मात्रा
और अपनी सेहत
का ध्यान जरूर
रखें।