ईमानदारी आज के इस युग में अभी भी जिंदा है। यह भी सही कहा है कि अच्छे और ईमानदार लोगों की वजह से ही यह दुनिया चल रही है. ऐसे लोग समाज में आने वाली पीढ़ी के लिए मिसाल कायम करते हैं. इस बार गुजरात के सूरत में एक चौकीदार के बेटे ने ईमानदारी का ऐसा उदाहरण पेश किया है जो हैरान करने वाला है. चौकीदार के बेटे ने 45 लाख रुपये के हीरे को उसके असल मालिक को लौटा दिया. इस वजह से इस 15 साल के युवक को सम्मानित भी किया गया.
मामला यह है कि सूरत हीरा संघ (SDA) ने एक चौकीदार और उसके 15 साल के बेटे को 45 लाख रुपये के हीरे से भरी थैली मिली. उस हीरे को उन्होंने अपने पास नहीं रखा बल्कि उसके मालिक को लौटा दिए. इसके लिए उसे शनिवार को सम्मानित किया गया.
पिछले रविवार को हीरे के कारोबारी मनसुखभाई सवालिया की हीरे की थैली उनकी जेब से गिर गई थी और पास में क्रिकेट खेल रहे विशाल ने वह थैली देखी और फिर उसे अपने घर ले गया और पिता को दिखाया. उसके पिता फूलचंद एक चौकीदार हैं उन्होंने हीरे संघ को लौटा दिए. संघ ने सीसीटीवी फुटेज को देखकर उस हीरों के असल मालिक का पता लगाया. इसके बाद हीरा उसके मालिक को सौंप दिया.
शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में संघ ने विशाल उपाध्याय और उसके पिता फूलचंद को हीरे की थैली लौटाने के लिए सम्मानित किया. संघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने बताया कि संघ ने विशाल की ईमानदारी के सम्मान में उसकी एक साल की शिक्षा का खर्च वहन करने का भी वादा किया. सूरत दुनिया में हीरे तराशने का सबसे बड़ा केन्द्र है.
पिछले रविवार को हीरे के कारोबारी मनसुखभाई सवालिया की हीरे की थैली उनकी जेब से गिर गई थी और पास में क्रिकेट खेल रहे विशाल ने वह थैली देखी और फिर उसे अपने घर ले गया और पिता को दिखाया. उसके पिता फूलचंद एक चौकीदार हैं उन्होंने हीरे संघ को लौटा दिए. संघ ने सीसीटीवी फुटेज को देखकर उस हीरों के असल मालिक का पता लगाया. इसके बाद हीरा उसके मालिक को सौंप दिया.
शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में संघ ने विशाल उपाध्याय और उसके पिता फूलचंद को हीरे की थैली लौटाने के लिए सम्मानित किया. संघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने बताया कि संघ ने विशाल की ईमानदारी के सम्मान में उसकी एक साल की शिक्षा का खर्च वहन करने का भी वादा किया. सूरत दुनिया में हीरे तराशने का सबसे बड़ा केन्द्र है.