यह त्योहार दिवाली से दो दिन पहले कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन घर में और घर के बाहर 13 दीए जलाएं जाते हैं। इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया’ कहावत काफी प्रचलित है। हिंदू संस्कृति में सबसे ऊपर स्वास्थ्य को और उसके बाद धन का स्थान माना गया है। इसलिए दिवाली से पहले धनतेरस की पूजा की जाती है, जिससे धन के देवता हमेशा प्रसन्न रहे और घर में कभी धन की कमी न हो और सभी स्वस्थ्य रहें।
शास्त्रों में बताया गया है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धनवंतरी को विष्णु का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि चिकित्सा विज्ञान के विस्तार के लिए भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था। भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
धनतेरस को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करना शुभ होता है और घर में शुभता लेकर आता है. इस दिन खरीदारी करने से मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं और धन-संपत्ति प्राप्ति का वरदान देते हैं.
इस बार धनतेरस 17 अक्टूबर को है. वैसे तो कहते हैं कि धनतेरस का दिन इतना शुभ होता है कि इस दिन अगर कोई व्यक्ति पूरे दिन में कभी भी खरीदारी करे तो वह अच्छा ही होगा. हर धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ समय होता है, जिसमें खरीदारी करने पर ज्यादा फल की प्राप्ति होती है.
किस मनोकामना की पूर्ति के लिए क्या खरीदें...
धनतेरस के दिन अपनी अलग-अलग इच्छा की पूर्ति के लिए ही चीजें खरीदें...
आर्थिक लाभ के लिए : अगर आप आर्थिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो धनतेरस के दिन पानी का बर्तन खरीदें.
कारोबार में विस्तार और उन्नति के लिए : धातु का दीपक खरीदना अच्छा होगा.
संतान सम्बन्धी समस्या के लिए : थाली या कटोरी
स्वास्थ्य और आयु के लिए : धातु की घंटी
घर में सुख शांति और प्रेम के लिए : खाना पकाने का बर्तन
धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त और खरीदारी का मुहूर्त क्या होगा
धनतेरस के दिन शाम 07.30 से 09.00 के बीच में खरीदारी करने का शुभ समय है. पूजा का शुभ समय भी यही है. इसलिए इसी समय में पूजा उपासना भी करें.
इस समय ना करें खरीदारी :
धनतेरस के दिन अगर आप पूरे दिन खरीदारी करने की सोच रहे हैं तो अपना इरादा बदल दें. क्योंकि, सायं 03.00 से 04.30 के बीच पूजन और खरीदारी का शुभ मुहूर्त नहीं है. इस बीच खरीदारी या पूजन ना करें. ऐसा करना अशुभ होगा.
इन मन्त्रों का करें जाप...