अंजीर (fig) के चमत्कारिक गुण तथा प्रयोग
अंजीर (fig) ; ficus carica linn; अंजीर के बारे में आज हम लोग जानेंगे .की अंजीर क्यूं हमें खाना चाहिए .इसमे क्या ऐसा पाया जाता हैं और...
अंजीर (fig) ; ficus carica linn;
अंजीर के बारे में आज हम लोग जानेंगे .की अंजीर क्यूं हमें खाना चाहिए .इसमे क्या ऐसा पाया जाता हैं और इसके क्या क्या फायदे हैं.यूनानी में अंजीर को गर्म फल मानते हैं,लेकिन आयुर्वेद में अंजीर को ठंडा औषधिये फल माना गया हैं.
अंजीर में बहुत सारी औषधिये गुण पाए जाते हैं.
अंजीर को दो तरह से लोग खाना पसंद करते हैं अगर हमें ये ताज़ा पका हुआ फल बाज़ार में मिल जाये तो उसे ऐसे ही खा सकते हैं.उसको दुध में मिलाकर या ऐसे मीठे के साथ शेक बना कर पी सकते हैं.और अगर ये ताज़ा न भी मिले तो इसका सुखाया हुआ बाज़ार में मिल जाता हैं.अंजीर को लोग मेवे के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं.और सूखे अंजीर को अगर २,३ घंटे पानी में भिंगो के फिर इसका उपयोग करेंगे तो ये शीतल फल की तरह काम करता हैं.अंजीर में बहुत सारे चमत्कारी तत्व पाए जाते हैं.
अंजीर में क्या पाया जाता है?
अंजीर में वसा कुछ भी नहीं होता हैं. कार्बोहायड्रेट ,प्रोटीन ,कैल्शियम,विटामिन 'सी',आयरन,मैग्नीशियम,फाइबर,विटामिन बी ६ ,कॉपर,मैंगनीज, पेंटेनोईक एसिड पाया जाता हैं जो की कई बिमारी में इसका उपयोग किया जाता हैं.अंजीर को ताकत का फल के रूप में जानते हैं.हमारे शरीर में किसी भी तरह की दुर्बलता हो ,किसी भी प्रकार की स्नायु परेशानी हो सब में इसका उपयोग कर सकते हैं.अंजीर को अगर अंकुरित अन्न के साथ खाया जाये तो ये सोने पे सुहागा हो जायेगा इसके फायदे के क्या कहने.हो सके तो अंकुरित अन्न के साथ अंजीर का सेवन अवश्य करे.
अंजीर के खाने से क्या क्या फायदे हैं?
शारीरिक दुर्बलता के लिए ; अंजीर को हम ताज़ा भी मिल जाये तो सेवन कर सकते हैं या फीर सूखे हुये अंजीर को दूध में अच्छे से पका कर ले सकते हैं.अंजीर हमारे शरीर की दुर्बलता को खत्म करता हैं.और शरीर को बलशाली बनाता हैं.
स्नायु दुर्बलता को कम करता हैं ; अंजीर को दूध में पका के लेने से किसी भी प्रकार की स्नायु दुर्बलता हो उसको कम करता हैं और स्नायु तंत्रिका को पुष्ट करता हैं.
यौन दुर्बलता ; अंजीर को शक्तिशाली फल के रूप में जानते हैं.शरीर के यौन शक्ति को बढाने के लिए अंजीर को ढूढ़ के साथ लेने से अधिक लाभ होता हैं.शरीर पुष्ट होगा और यौन शक्ति बढ़ेगी .
निम्न रक्तचाप को नियंत्रित करता हैं ; किसी को निम्न रक्त चाप की शिकायत हो तो उन्हें अंजीर का सेवन अवश्य करना चाहिए.अंजीर में ऐसे तत्व होते हैं तो निम्न रक्त चाप को नियंत्रित कर ह्रदय रक्त चाप को सुसंगठित करता हैं.
घबराहट की स्थिती को नियंत्रित करता है ; कभी कभी हमें अचानक से घबराहट होने लगती हैं.ऐसे स्थिति में अंजीर का सेवन ढूध के साथ करने से आराम या बहुत लाभ मिलत हैं.
शिथिलता को कम करता हैं; शरीर अगर शिथिल पर जाये तो अंजीर का सेवन लाभदायक होता हैं.इससे शरीर को ताकत मिलती है.और शरीर स्फूर्ति महसूस करता हैं.
थकान को कम करता है ; किसी किसी को हमेशा थकान महसूस होती रहती हो तो उन्हें भी अंजीर का सेवन जरुर करना चाहिए.
पेट के लिए भी अच्छा हैं ; अगर पेट की कोइए भी बिमारी हो तो अंजीर का सेवन लाभप्रद होता हैं.
वजन कम करने में भी अच्छा साधन हैं अंजीर का सेवन लाभप्रद है ; अंजीर में वसा नहीं होता हैं.इसलिए इससे वजन कम करने में बहुत सहायक मिलती हैं.
स्तन कैंसर से भी बचाता है ; प्रायः नारियों में स्तन कैंसर का ख़तरा बना रहता हैं.अगर इससे बचाव चाहिए तो अंजीर का सेवन लाभप्रद हैं.
मधुमेह वालों के लिए भी अंजीर अच्छा हैं ; अंजीर के पत्तों को अगर चबा के खाया जाये तो हमारे शरीर में बनने वाले इन्सुलिने को बनाकर मधुमेह की रोकथाम में मदद करता हैं.अंजीर में एंटी. डायबिटिक तत्व पाए जाते हैं.
मांशपेशियों में होने वाले खिचाव को भी कम करता हैं ; अगर मांशपेशियों में खिचाव होता हो तो अंजीर का सेवन बहुत लाभप्रद होता हैं.इसका सेवन जरुर करना चाहिए .
एक छोटा सा अंजीर और इसके कितने फायदे हैं.अंजीर औषधिये गुणों से भरपूर हैं.जैसे चाहे इसे खाए.और इसका भरपूर फायदा उठाये .अगर हम किसी भी खाद्य प्रदार्थ के बारे में अच्छी तरह से जान लेते हैं तो उसका सही तरीके के उपयोग कर सकते हैं.प्रायः हमें पता ही नहीं होता की किस्मे क्या औषधिये गुण हैं हम उसे उपेक्षित करते रहते हैं.प्रकृति ने हमें कितनी तरह से हमारे योग्य फल जरी, बूटी उगाते हैं. जिसका गुण हमें पता ही नहीं होता हैं.तो धीरे धीरे जानिये और उसका उपयोग अपने स्वस्थ को अच्छा रखने में कीजिये.स्वस्थ खाइए ,स्वस्थ भारत का निर्माण करने में अपना योगदान दे.स्वस्थ रहिये मस्त रहिये.