क्या जरूरी है : इन्सान या आध्यात्म/ wonderous stories about spiritual awakening

 wonderous stories about spiritual awakening
 एक छोटे से गाँव एक मंदिर था और उस मंदिर में एक पुजारी रहा करते थे वो सभी वेदों, पुराणों और धार्मिक ग्रंथो के ज्ञाता थे | सभी गाँव के निवासी उनका आदर सम्मान किया करते थे और सभी लोग सुबह और संध्या में उनके प्रवचन सुना करते थे | दुरे से दुरे से लोग आते थे उनको सुनने के लिए | उसका एक बेटा भी था जो उसके साथ रहता था और वह भी अपने पिता की तरह अच्छा और बुद्धिमान था | पुजारी उसे देख कर बहुत खुश होता था उसे लगता था की उसका बेटा एक दिन इसी गद्दी पर बेठ कर प्रवचन (parvachan) देगा |
पुरात्न मंदिर (Temple) होने के कारण हर वर्ष यहाँ पर भगवान शिव की बहुत बड़े पैमाने पर पूजा होती थी और पूजा होने के बाद पुजारी जी का प्रवचन  (parvachan) भी होता था | इस पूजा में बड़ी संख्या में लोग आते थे | इस साल भी भगवान शिव की पूजा की सभी तैयारियां हो चुकी थी परन्तु पूजा वाले दिन ही पुजारी जी बहुत बीमार हो गए | वो इतने बीमार हो गए थे की उनसे उठा भी नहीं जा रहा था | उन्होंने अपने बेटे को बुलाया और कहा, “बेटा, मेरी तबियत बहुत खराब है आज भगवान की पूजा और बाद में प्रवचन तुम ही करना | ये मेरा आदेश है |”

बेटे ने पिता से आज्ञा ली और पूजा के लिए चल पड़ा | संत्संग के समय, सभा में सभी मौजूद लोगों के सामने खड़े होकर उन सबको सूचित किया की उसके पिता का स्वास्थ्य(health) ठीक नहीं है जिस की वजह से वो आज का प्रवचन(parvachan) नहीं दे पायगे | यह सुनते ही सभी लोग चकित हो गए और आपस में काना फूसी करने लगे की अगर पुजारी जी बीमार है तो आज का प्रवचन कौन करेगा | सभी सोच में थे की अचानक पुजारी के बेटे ने कहा, “कृपया करके आप लोग शांत हो जाइये, आज का प्रवचन (parvachan) में करुगां“ |


यह बात सुनते ही सभी लोग फिर से चकित हो गए और कई लोग उस सभा से जाने लगे | यह देखकर, वह खड़े होकर बोला और कहा, “कृपा करके शांत रहिये | जो केवल पुजारी जी के प्रवचनों को सुनने आए है वो स्वंतत्र (free)है जाने के लिए | किंतु जो लोग यहाँ आध्यात्म ( spiritual ) के बारे में जानने आए है वो कृपा करके रुक जाए | मुझे लगता है आध्यात्म से ऊपर कोई नहीं है वस्तु, कोई इन्सान, नहीं है | आध्यात्म सबसे ऊपर है (क्या जरूरी है : इन्सान या आध्यात्म spiritual awakening क्या जरूरी है : इन्सान या आध्यात्म( spiritual awakening), और यह सुनते ही वहां आए सभी लोग अपना स्थान ग्रहण कर सत्संग आरंभ होने की प्रतीक्षा करने लगे |

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