गाँव की गलियों या खेतों के किनारे अक्सर एक अजीब सी घास दिख जाती है – बिच्छू बूटी। दिखने में तो साधारण है, लेकिन जैसे ही कोई इसे छू ले, हाथ में चुभन और जलन हो जाती है। इसी वजह से लोग इसे “छूने लायक नहीं” मानते हैं। पर मज़े की बात यह है कि यही बूटी जब सही तरह से पकाई या सुखाई जाती है, तो शरीर के लिए औषधि बन जाती
क्यों खास है बिच्छू बूटी?
हमारे बुज़ुर्ग कहते हैं – *“जो चीज़ कड़वी या चुभती है, वही सबसे ज़्यादा काम की होती है।”* बिच्छू बूटी इसका जीता-जागता उदाहरण है। इसमें आयरन, कैल्शियम और विटामिन C जैसे पोषक तत्व भरे पड़े हैं, जो शरीर को अंदर से मज़बूत बनाते हैं।
बिच्छू बूटी खाने के फायदे
🌿 **खून और ताक़त बढ़ाए** – इसमें मौजूद आयरन खून की कमी दूर करता है और शरीर में ऊर्जा भर देता है।
🌿 **जोड़ों का दर्द कम करे** – बुज़ुर्गों को आर्थराइटिस या घुटनों का दर्द हो तो इसका सूप आराम पहुँचाता है।
🌿 **शरीर की सफाई** – इसे नेचुरल डिटॉक्स माना जाता है, जो खून की गंदगी निकालकर चेहरा भी साफ-सुथरा रखता है।
🌿 **पेट के लिए राहत** – कब्ज और गैस जैसी दिक़्क़तों में फायदेमंद है।
🌿 **इम्यूनिटी बूस्टर** – विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स इसे बीमारी से बचाने वाला कवच बना देते हैं।
बिच्छू बूटी खाने के नुकसान
⚠️ **ज्यादा खा लिया तो दिक़्क़त** – ओवरडोज़ से पेट खराब, गैस या दस्त हो सकते हैं।
⚠️ **शुगर और प्रेशर पर असर** – दवाइयाँ ले रहे लोग इसे डॉक्टर की सलाह के बिना न खाएँ।
⚠️ **गर्भवती महिलाएँ सावधान** – प्रेगनेंसी में इसका सेवन सुरक्षित नहीं माना जाता।
⚠️ **कच्चा न खाएँ** – अगर इसे सीधे छूकर या कच्चा खा लिया तो जलन और खुजली हो सकती है।
आख़िरी बात
बिच्छू बूटी को देखकर भले ही मन डर जाए, लेकिन असल में यह सेहत का खज़ाना है। गाँव में आज भी लोग इसका सूप या सब्ज़ी बनाकर खाते हैं और सालों तक तंदरुस्त रहते हैं। बस ध्यान यही रखना है कि इसे सही तरह से पकाकर और संतुलित मात्रा में ही खाया जाए।