गुलाब का फूल आपने आप में एक अहमियत रखता है। यह फूल केवल फूल ही नहीं अपितू एक औषधि भी है। आर्युवैद में इसके उपयोग का महत्व मिल जाता है। गुलाब की अनेक किस्में होती हैं , जिन पर अनेक रंगों के पुष्प खिलते हैं । सौदंर्य के लिए इसका उपयोग ज्यादा होता है। यही नहीं गुलाब का गुलकंदन बनता है। जिसका स्वाद मीठे पान में चखने को भी मिल जाता है। आमतौर पर इसका पौधा ऊंचाई में 4 – 6 फुट का होता है । तने में कांटे लगे होते हैं और पत्तियां प्रायः 5 मिली हुई होती हैं । बहुतायत में मिलने असमान वाला पुष्प गुलाबी रंग का होता है । फल अंडाकार लगते हैं । मार्च – अप्रैल में फूलों की बहार आती है और फूलों से इत्र व गुलकंद व्यापक रूप से बनाया जाता है । इस पौधे की मूल उत्पत्ति सीरिया , ईरान से हुई है। इसी विषय पर आज हम बात करेंगे।
अनेक रोगों में उपयोग
होंठों का कालापन :
गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ा – सा ग्लिसरीन अच्छी तरह मिला लें । इसे दिन में 3 – 4 बार होठों पर नियमित रूप से लगाएं ।
मुंह के छाले :
फूलों का काढ़ा बनाकर उससे बार – बार गरारे करें ।
कान दर्द :
गुलाब के फूलों का निकाला ताजा रस कानों में टपकाएं ।
दाद :
नीबू के रस में बराबर की मात्रा में गुलाब अर्क मिलाकर नियमित लगाएं ।
अांखों के कष्ट :
सुबह – शाम गुलाब अर्क 2 – 2 बूंद आंखों में डालते रहने से अनेक कष्ट दूर होते हैं ।
अतिसार :
गुलाब के फूल 10 ग्राम और मिसरी 5 ग्राम को मिलाकर , इसकी एक मात्रा दिन में तीन चार खिलाएं । अधिक कष्टदायक रोग में गुलाब के फूलों के याचिय लगने वाले छोटे – छोटे दाने , जिसे जीरा कहते हैं , एक ग्राम की मात्रा में तीन बार दें ।
श्वेत प्रदर :
2 चम्मच शुष्क गुलाब के फूलों का चूर्ण और एक चम्मच मिसरी मिलाकर दूध के साथ सुबह – शाम नियमित सेवन करने और ताजे पिसे हुए फूल सोते समय योनि में रखने से शीघ्र लाभ मिलता है ।
पेट की बीमारियां :
भोजन के बाद गुलकन्द का नियमित रूप से 2 – 2 चम्मच की मात्रा में दो बार सेवन करें ।
दांतों के रोग :
फूलों की पंखुड़ियां चबाकर खाते रहने से मसूड़े और दांत मजबूत होते हैं , मुख की दुर्गध दूर होकर पायोरिया की बीमारी में लाभ होता है ।
खुजली :
चमेली का तेल , नीबू का रस और अर्क गुलाब बराबर की मात्रा में मिलाकर पीड़ित अंगों पर मलकर लगाएं ।
शीतपित :
चंदन के तेल में गुलाब का अर्क बराबर की मात्रा में मिलाकर लगाएं ।
सिर दर्द :
10 ग्राम गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां 2 इलायची के साथ चबाकर खाएं ।
अम्लपित्त :
गुलाGulab ke faydeब जल में , गुलाब पुष्य , 1 इलायची और 1 चम्मच धनिया चूर्ण मिलाकर पीस लें और भोजन के बाद सेवन करें ।
Tags:
HOME REMEDY