लस्सी (छाछ व मट्ठा) को पीने से सिर के बाल असमय में सफेद नहीं होते हैं। भोजन के अन्त में लस्सी, रात के मध्य दूध और रात के अन्त में पानी पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।छाछ या मट्ठा शरीर में उपस्थित विजातीय तत्वों को बाहर निकालकर नया जीवन प्रदान करता है।
यह शरीर में प्रतिरोधात्मक (रोगों से लड़ने की शक्ति) शक्ति पैदा करता है। लस्सी में घी नहीं होना चाहिए। गाय के दूध से बनी मट्ठा सर्वोत्तम होतीहै। लस्सी का सेवन करने से जो रोग नष्ट होते हैं। वे जीवन में फिर दुबारा कभी नहीं होते हैं।
लस्सी खट्टी नहीं होनी चाहिए। पेट के रोगों में छाछ को दिन में कई बार पीना चाहिए। गर्मी में मट्ठा पीने से शरीर तरोताजा रहता है। रोजाना नाश्ते और भोजन के बाद मट्ठा पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। मट्ठा को पीने से सिर के बाल असमय में सफेद नहीं होते हैं।
भोजन के अन्त में मट्ठा, रात के मध्य दूध और रात के अन्त में पानी पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। दही को मथकर छाछ को बनाया जाता है। लस्सी गरीबों की सस्ती औषधि है। लस्सी गरीबों के अनेक शारीरिक दोषों को दूरकर उनकी तन्दुरुस्ती बढ़ाने में तथा आहार के रूप में महत्वपूर्ण है।
कई लोगों को लस्सी नहीं पचती है। उनके लिए लस्सी बहुत ही गुणकारी होती है। ताजा लस्सी बहुत ही लाभकारी होती है। छाछ की कढ़ी स्वादिष्ट होती है और वह पाचक भी होती है। उत्तर भारत में तथा पंजाब में छाछ में चीनी मिलाकर उसकी लस्सी बनाकर उपयोग करते हैं।
लस्सी में बर्फ का ठण्डा पानी डाला जाए तो यह बहुत ही लाभकारी हो जाती है। लस्सी जलन, प्यास और गर्मी को दूर करती है। लस्सी गर्मी के मौसम में शर्बतका काम करती है। छाछ में खटाई होने से यह भूख को बढ़ाती है।
Buttermilk Benefits in Hindi: छाछ के आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ
पेट से जुडी समस्याए दूर करे
छाछ का सेवन आपके पेट के लिए किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है| इससे पेट की कई तरह की समस्याओं से निजात मिलती है| जैसे पेट में भारीपन, अपच, जलन, गैस बनना आदि| इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए भोजन के साथ छाछ लेना चाहिए| इसे लेने से भोजन भी पतला हो जाता है और यह हमे अधिक खाने से भी रोकती है|
वजन कम करने में फायदेमंद
छाछ का सेवन वजन घटाने में भी उपयोगी है| आयुर्वेद में भी छाछ को इंसान के शरीर के लिए बेहद उपयोगी बताया गया है। दरहसल छाछ प्रो-बायोटिक होती है और इससे पेट के कीड़े दूर हो जाते है| कुछ वैज्ञानिकों का कहना है की आंतों के कीड़े और वजन का संबंध एक दूसरे से होता है। पेट में कीड़े होने पर इंसान का वजन बढ़ने लगता है|
छांछ में मौजूद गुणों से पेट के अंदर के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं जिससे शरीर का वजन घटने लगता है। जब पेट में कीड़े हो जाते है तब पेट में हल्का दर्द, दुर्बलता, छीकें आना आदि लक्षण दिखाई देते है|
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाये
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण हमारा शरीर बड़ी आसानी से बीमारी के चपेट में आ जाता है| छाछ के सेवन से आप अपने प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत कर सकते है| इसमें हेल्दी बैक्टीरिया, कार्बोहाइड्रेट्स और लैक्टोस मौजूद होता है जो शरीर में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार है| आप कोई भी Buttermilk Recipe ट्राई कर सकते है|
गर्मियों में पेट की सफाई के लिए छाछ में पुदीना मिलाकर पिए| इससे शरीर के सभी विषैले तत्व बाहर निकल जाते है| यदि किसी को कब्ज की शिकायत बनी रहती हो तो अजवाइन मिलाकर छाछ पीएं।
पोषक तत्वों से भरपूर
छाछ में विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन ए पाया जाता हैं| यह सभी विटामिन शरीर को पोषण देते है और उनकी जरूरतों को पूरा करते है। छाछ के सेवन से शरीर में मिनरल्स की कमी पूरी हो जाती है। यह स्वस्थ पोषक तत्वों जैसे लोहा, जस्ता, फास्फोरस और पोटेशियम से भी भरपूर होता है|
पानी की कमी दूर करे
गर्मी की वजह से डीहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है इसलिये ऐसे में आपको छाछ का सेवन करना चाहिये। इससे कब्ज की समस्या भी दूर होती है। इसके अतिरिक्त यदि आपको एसिडिटी, सीना जलना या पेट से जुडी़ कोई अन्य समस्या भी हो तो छाछ पीजिये क्योंकि यह आसानी से हजम भी हो जाता है।
लगातार हिचकी
लगातार हिचकी चलने पर छाछ में एक चम्मच सौंठ डालकर सेवन करें।
यदि आप डाइटिंग कर रहे हैं तो रोज़ एक गिलास मट्ठा पिए। यह लो कैलोरी और फैट में कम होता है। शरीर में खुजली होने पर अमलतास के पत्ते छाछ में पीस लें और शरीर पर मलें। कुछ देर बाद स्नान करें। खुजली होना बंद हो जाएगी|
त्वचा के लिए भी फायदेमंद है|
छाछ में आटा मिलाकर लेप करने से झुर्रियाँ होना बंद हो जाती है और यदि किसी को मुंहासे की समस्या हो तो गुलाब की जड़ को मट्ठे में पीसकर मुंह पर लगाए|
अत्यधिक मानसिक तनाव होने पर छाछ पीना लाभकारी होता है। यदि किसी को उच्च रक्तचाप की समस्या हो तो गिलोय का चूर्ण छाछ के साथ लेना चाहिए।
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