कई बिमारियों का एक दवाई - तुरई





हरी सब्जियों खाने की सलाह हरी सब्जियों का उचित मात्रा में भोजन में शामिल होने से रहने से ही हमारे शरीर में रक्त निर्माण के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। रोगों से लड़ने के लिए हमारे रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा निर्धारित मानक के अनुरूप होना चाहिए। रक्त और हीमोग्लोबिन की मात्रा सही रखने के लिए हरी सब्जियों से बढ़कर कुछ भी नहीं है।

गर्मियों में हरी सब्जियों की ज़रूरत अन्य मौसमों की तुलना में अधिक होता है कि गर्मी के दिनों में हमारे शरीर से पसीना और नमक निकलता रहना है इस वजह से रक्त की कमी भी अन्य मौसम की तुलना में अधिक हो सकता है। सब्जियों की मात्रा में कमी की वजह से आजकल हमारे शरीर में कमजोरी के साथ बालों का सफेद होना, कमजोर हो जाना, हाथों में पैरों में दर्द, गैस की समस्याएं, सांसों में घर घूमना, खर्राट लेना आदि समस्याएं आम बात हो गयी हैं।

जानिए तुरई (नेनुआ) के बारे में
तूरी या तोरी (नेनुआ) एक ऐसी सब्जी है जो लगभग पूरे भारत में उगाया जाता है। तुरई का वानस्पतिक नाम लुफ्फ़फा एक्युटनेगुला है तूरी को आदिवासी विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उपयोग में लाते हैं। मध्यवर्ती के आदिवासी इसे सब्जी के रूप में बड़े चाव से खाते हैं और हरबल जानकार इसे कई नुस्खेों में इस्तमाल भी करते हैं। चलिए आज जानते हैं तोरी के लाभ के बारे में -

इन बीमारियों का रामबाण दवा है तुरई-
डायबिटीज रोगी के लिए फायदेमंद
तूरी ब्लड और यूरीन दोनों में कम करने में मदद करता है। इसलिए यह डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। तुरही में इन्सुलिन की तरह पेप्टाइड पाए जाते हैं इसलिए इसे डायबिटीज़ नियंत्रण के लिए एक अच्छे उपाय के रूप में देखा जाता है। इसलिए सब्जी के तौर पर इसका इस्तेमाल से डायबिटीज़ में फायदा होगा।

वजन घटाने में सहायक
एक तूफान में लगभग 95 प्रतिशत पानी और केवल 25 प्रतिशत कैलोरी होता है जिसके कारण वजन बढ़ता है इसमें संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल का भी बहुत ही सीमित मात्रा है जो कि वजन घटाने में सहायक होता है।

त्वचा संबंधी रोगों में लाभकारी
यह मुंहसे, एक्जिमा, सोरायसिस और अन्य त्वचा संबंधी रोगों के उपचार में सहायक है। कुष्ठ रोग में भी तुरड़ी उपयोगी हो सकता है। तूरी के सब्जी खाने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है। इसके सेवन से रक्त शुद्ध है जिससे से त्वचा संबंधी रोगों से राहत मिलती है।

आँखों की रोशनी बढ़ाइये
तूरी में बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो नेत्र दृष्टि बढ़ाने में मदद करता है यदि आप अपनी आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए चाहते हैं तो अपने आहार में तुरन्त शामिल करें।

लिवर के लिए गुणकारी
निरंतर तूई का सेवन करना सहवास के लिए बेहद हितकर होता है। तुरई रक्त शुद्धीकरण के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। साथ ही यह लिवर के लिए भी गुणकारी होगा। साथ ही पीलिया होने पर रोगी की नाक में 2 बूंद तरतरी के फल का रस डाल दो, तो नाक से पीले रंग का द्रव बाहर निकलता है। जिससे पीलिया रोग जल्दी समाप्त हो जाता है

बालों को काला करने में मददगार
बालों को काला करने के लिए भी तूई बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए तुरही के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर छः में सूखा लें। फिर इन सूखे टुकड़ों को नारियल के तेल में मिलाकर 5 दिन तक रखें। बाद में इसे गरम करें। इस तेल को छानकर प्रतिदिन बालों पर लगाकर मालिश करें, जिससे उपाय को अपनाने से आपका बाल धीरे-धीरे दिख रहा है।

अन्य लाभ
इसका नियमित प्रयोग करने से कब्ज नहीं होता और पेट भी साफ रहता है। इसके अलावा तूरी पित्त, सांस संबंधी रोगों, बुखार, खांसी और पेट के कीड़ों को दूर करने के लिए लाभकारी है।

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