फटकारने, मारने से काम नहीं चलेगा। बेटे-बेटी को ज्यादा डाँट-फटकारें तो
वे सोचते हैं कि ‘ये तो मुझे डाँटते ही रहते हैं !’
इसके लिए एक छोटा सा प्रयोग है। अशोक वृक्ष के तीन-तीन पत्तों से बंदनवार (तोरण) बनाकर बच्चे के कमरे के दरवाजे की चौखट पर गुरुवार के दिन बाँध दें और संकल्प करें कि मेरे बच्चे का मन पढ़ाई में लगे। अगले गुरुवार को पहले वाले उतारकर ताजे पत्तों की नयी बंदनवार लगा दें। फिर तीसरे गुरुवार भी ऐसा करें। इस प्रकार तीन गुरुवार के बाद एक गुरुवार छोड़ दें। तीन-तीन करके कुल नौ गुरुवार तक यह प्रयोग करें। इससे लाभ होगा।
विद्यार्थी के लिए……..
नवरात्रि के दिनों में खीर की २१ या ५१ आहुति गायत्री मंत्र बोलते हुए
दें । इससे विद्यार्थी को बड़ा लाभ होगा।
यादशक्ति बढाने और बुद्धिमान बनने के लिए……
बुद्धू से बुद्धू छोरे भी सुबह मे ‘ गं गं गं गणपते नमः । ‘ का जप कर के
सारस्वत्य मंत्र का जप करे तो बुद्धिमान होगे ।
* यादशक्ति बढाने के लिए शंखपुष्पीसिरप’’ २ से ४ चम्मच सुबह-शाम ले।
* स्मृतिवर्धक चूर्ण के सेवन से स्मरणशक्ति तथा धारणाशक्ति का अत्यधिक विकास होता है।
पढ़ते समय नींद आना……..
जिनको पढ़ते समय नींद आती हो, वे पान के पत्ते में १ लौंग डालकर चबा लें, तो नींद नहीं आयेगी ।
बुद्धि के विकास के लिए इन से सावधान रहे……
कभी भी जूठे मुँह अपना हाथ सिर पर न जाए , नहीं तो बुद्धि का विकास रुक जाता है… कफ़ की वृद्धि बुद्धि के विकास को, श्रवण शक्ति को रोक देती है ।
जिनकी स्मरणशक्ति कमजोर हो…….
अथर्ववेद की गणेश उपनिषद के अनुसार जिनकी स्मरणशक्ति कमजोर है, ऐसे विद्यार्थी गुड वाले पानी से गणपतिजी को अभिषेक दें तो वो वारुनी अर्थात विद्या को शीघ्र कंठस्थ कर लेने वाला बुद्धिमान हो जाता है ।
परीक्षा के दिनों में…….
परीक्षा के दिनों में विद्यार्थी क्या करें ? ” गं…गं …गं …” जपें
और भ्रूमध्य में गणेशजी को देखें या ओंकार को और ” ॐ गं गं गणपतये नमः ‘ ऐसा थोड़ा जप करके फिर पेपर लिखें … सरल तो लिख दो ..लेकिन कठिन है तो जीभ तालू में लगा दो और भ्रूमध्य में ॐ को या गं…गं को देखो फिर लिखो सरल तो सरल होगा …कठिन का बाप भी सरल हो जायेगा . मार्क्स अच्छे आएंगे।
यादशक्ति व बल बढ़ाने के लिए……..
यादशक्ति और बल बढ़ाना है तो काजू (३ काजू बच्चे व ५ काजू बड़े) व मधु
ज़रा लगा के चबा-चबा के खाएं । इससे यादशक्ति व बल बढेगा । पेट की वायु सम्बन्धी बीमारियाँ दूर होंगी ।
परीक्षा के समय……..
विद्यार्थी जब पेपर देने जाए तब ….थोड़ी – थोड़ी देर में ….. जीभ तालू
में लगाये रखो … याद आयेगा मानसिक संतुलन अच्छा बना रहेगा … पेपर अच्छा जायेगा ।
विद्यार्थी आचरण……
विद्यार्थी जीवन में बच्चों को ठांस-ठांस कर नहीं खाना चाहिये । इससे
बुद्धि बैल के जैसी मंद हो जाती है और बीमारियाँ पकडती हैं । जो भोजन
अच्छे से पच जाए, उससे ही पौष्टिक तत्व मिल जाते हैं ।
काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥
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