अमरूद अपने मीठे स्वाद के कारण सबका पसंदीदा फल है। यह कई पौष्टिक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट गुणों का खजाना भी है, जो हमारे शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पाचन क्रिया को सुधार कर हमारे पेट को यह बिल्कुल चुस्त-दुरुस्त रखता है।
हाई ब्लडपे्रशर को करे नियंत्रित
फाइबर, पोटैशियम और हाइपोग्लीसेमिक का समृद्ध स्रोत अमरूद ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। अध्ययनों से साबित हो चुका है कि दो महीने तक रोजाना दो अमरूद खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल 10 प्रतिशत तक कम हो सकता है। एक मध्यम आकार का अमरूद पोटैशियम की 20 प्रतिशत दैनिक जरूरत की आपूर्ति करता है, जो हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रण में रखता है।
फाइबर, पोटैशियम और हाइपोग्लीसेमिक का समृद्ध स्रोत अमरूद ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। अध्ययनों से साबित हो चुका है कि दो महीने तक रोजाना दो अमरूद खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल 10 प्रतिशत तक कम हो सकता है। एक मध्यम आकार का अमरूद पोटैशियम की 20 प्रतिशत दैनिक जरूरत की आपूर्ति करता है, जो हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रण में रखता है।
दिल का रखे ध्यान
अमरूद में मौजूद लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट दिल की सेहत को बढ़ावा देने का प्रमुख कारक है। हृदय के ऑक्सीकरण के लिए संकीर्ण धमनियों का निर्माण करता है। शरीर के मेटाबॉलिज्म को ठीक रखता है, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल को कम कर हार्ट अटैक के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। फाइबर से भरपूर अमरूद आंतों से अतिरिक्त श्लेष्म हटाने में मदद करता है, जिससे पेचिश जैसी पेट संबंधी बीमारियों की रोकथाम होती है। यह पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को दूर करता है।
अमरूद में मौजूद लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट दिल की सेहत को बढ़ावा देने का प्रमुख कारक है। हृदय के ऑक्सीकरण के लिए संकीर्ण धमनियों का निर्माण करता है। शरीर के मेटाबॉलिज्म को ठीक रखता है, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल को कम कर हार्ट अटैक के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। फाइबर से भरपूर अमरूद आंतों से अतिरिक्त श्लेष्म हटाने में मदद करता है, जिससे पेचिश जैसी पेट संबंधी बीमारियों की रोकथाम होती है। यह पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को दूर करता है।
डायबिटीज के खतरे को करे कम
अमरूद शरीर में शर्करा के अवशोषण को धीमा करता है। अमरूद का नियमित सेवन टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करता है।
अमरूद शरीर में शर्करा के अवशोषण को धीमा करता है। अमरूद का नियमित सेवन टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करता है।
दस्त और पेचिश
इसमें मौजूद एल्काइन प्रकृति के एस्ट्रीजेंट्स तत्व दस्त में अतिसार को बांधते हैं एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट में माइक्रोबियल विकास को रोकते हैं और आंतों से अतिरिक्त बलगम को हटाते हैं।
इसमें मौजूद एल्काइन प्रकृति के एस्ट्रीजेंट्स तत्व दस्त में अतिसार को बांधते हैं एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट में माइक्रोबियल विकास को रोकते हैं और आंतों से अतिरिक्त बलगम को हटाते हैं।
कब्ज से राहत
फाइबर से भरपूर अमरूद पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मददगार है। इसके बीज शक्तिशाली रेचक का काम करते हैं। कब्ज के दौरान पेट को नरम करते हैं और आंत के उत्सर्जन तंत्र को सुचारू बनाते हैं। यह मल त्याग को विनियमित करने और आंतों को ठीक से साफ करने में मदद करता है।
फाइबर से भरपूर अमरूद पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मददगार है। इसके बीज शक्तिशाली रेचक का काम करते हैं। कब्ज के दौरान पेट को नरम करते हैं और आंत के उत्सर्जन तंत्र को सुचारू बनाते हैं। यह मल त्याग को विनियमित करने और आंतों को ठीक से साफ करने में मदद करता है।
पेट की समस्याओं के लिए कारगर
अमरूद में मौजूद पेक्टिन पाचन को बढ़ावा देने और भूख में सुधार करने में मदद करता है। फाइबर अपच समस्याओं को रोकने में सहायक है। अमरूद पेट दर्द और पेट में कीड़ों के इलाज के लिए उपयोगी है। इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी की समस्या भी दूर होती है।
अमरूद में मौजूद पेक्टिन पाचन को बढ़ावा देने और भूख में सुधार करने में मदद करता है। फाइबर अपच समस्याओं को रोकने में सहायक है। अमरूद पेट दर्द और पेट में कीड़ों के इलाज के लिए उपयोगी है। इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी की समस्या भी दूर होती है।
वजन घटाने में सहायक
फाइबर, खनिज और विटामिन से भरपूर अमरूद का सेवन पेट भरे होने या संतुष्टि का एहसास कराता है। वजन कम करने के इच्छुक व्यक्ति का लंच में एक या दो अमरूद खाना फायदेमंद है। इससे न केवल पेट भरता है, बल्कि अमरूद में मौजूद प्रोटीन और विटामिन शाम तक आपको ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।
फाइबर, खनिज और विटामिन से भरपूर अमरूद का सेवन पेट भरे होने या संतुष्टि का एहसास कराता है। वजन कम करने के इच्छुक व्यक्ति का लंच में एक या दो अमरूद खाना फायदेमंद है। इससे न केवल पेट भरता है, बल्कि अमरूद में मौजूद प्रोटीन और विटामिन शाम तक आपको ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।
सर्दी और खांसी में सहायक
अमरूद का रस फेफड़ों में बलगम बनने से रोकता है और सांस नली के संक्रमण को कम करता है। इसके सेवन से इंफ्लूएंजा वायरस का संक्रमण कम करने में मदद मिलती है। डेंगू बुखार की रोकथाम में यह उपयोगी है। अमरूद में मौजूद पेक्टिन गले की खराश का प्रभावी इलाज है। भुना हुआ परिपक्व अमरूद खाने से फायदा होता है।
अमरूद का रस फेफड़ों में बलगम बनने से रोकता है और सांस नली के संक्रमण को कम करता है। इसके सेवन से इंफ्लूएंजा वायरस का संक्रमण कम करने में मदद मिलती है। डेंगू बुखार की रोकथाम में यह उपयोगी है। अमरूद में मौजूद पेक्टिन गले की खराश का प्रभावी इलाज है। भुना हुआ परिपक्व अमरूद खाने से फायदा होता है।
त्वचा और बालों का रखवाला
अमरूद में मौजूद बीटा कैरोटीन त्वचा को स्वस्थ, कांतिमय और चमकदार बनाता है। इसके एंटीसेप्टिक गुण मुंहासों, फोड़े-फुंसियों जैसे त्वचा संबंधी विकारों को दूर करते हैं। ताजा फल खाने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो उम्र बढ़ने के साथ झुर्रियों के असर को कम करता है । अमरूद में मौजूद विटामिन बालों के स्वस्थ विकास और कॉलेजन के विकास में सहायक है। यह बाल झड़ने और दोमुंहे बालों की समस्या को भी बहुत हद तक कम करता है।
अमरूद में मौजूद बीटा कैरोटीन त्वचा को स्वस्थ, कांतिमय और चमकदार बनाता है। इसके एंटीसेप्टिक गुण मुंहासों, फोड़े-फुंसियों जैसे त्वचा संबंधी विकारों को दूर करते हैं। ताजा फल खाने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो उम्र बढ़ने के साथ झुर्रियों के असर को कम करता है । अमरूद में मौजूद विटामिन बालों के स्वस्थ विकास और कॉलेजन के विकास में सहायक है। यह बाल झड़ने और दोमुंहे बालों की समस्या को भी बहुत हद तक कम करता है।
महिलाओं की समस्याओं में फायदेमंद
महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाली ऐंठन को कम करने में यह लाभकारी है। गर्भावस्था के दौरान सुबह उठने पर जी मिचलाने जैसी होने वाली समस्याओं में भी प्रभावी है। अमरूद के नियमित सेवन से शरीर में फॉलेट की आपूर्ति होती है, जो प्रजनन को बढ़ावा देने में मदद करता है।
महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाली ऐंठन को कम करने में यह लाभकारी है। गर्भावस्था के दौरान सुबह उठने पर जी मिचलाने जैसी होने वाली समस्याओं में भी प्रभावी है। अमरूद के नियमित सेवन से शरीर में फॉलेट की आपूर्ति होती है, जो प्रजनन को बढ़ावा देने में मदद करता है।
पत्ते भी हैं चमत्कारी
कोलेस्ट्रॉल करे कम : पत्तियों का काढ़ा पीने से ब्लड लिपिड, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल सुधारने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है।
डायबिटीज में फायदेमंद : अमरूद की पत्तियों का काढ़ा एल्फा-ग्लूकोसाइडिस एंजाइम की क्रिया से ब्लड शुगर को कम करता है। साथ ही सूक्रोज और लैक्टोस के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है।
जोड़ों का दर्द करे दूर : पत्तों को पीस कर पेस्ट बना लें। इसे थोड़ा गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगाएं। इससे दर्द और शरीर में होने वाली सूजन में आराम मिलता है। जोड़ों के दर्द में अमरूद की पत्तियों का काढ़ा दिन में दो बार पीना फायदेमंद है। यह दर्द को खींच लेता है और सूजन कम करता है।
डेंगू बुखार में असरदार : अमरूद के पत्तों का काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया जैसे बुखार में पीना फायदेमंद है। इसके पत्तों का अर्क और अमरूद का जूस ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या में बढ़ोतरी करने में सहायक है। एक छोटा गिलास रस रोगी को दो-तीन बार में दिया जा सकता है। इससे ज्यादा मात्रा देना ठीक नहीं।
दांत दर्द में उपयोगी : इसकी पत्तियों को उबाल कर गरारे करने से दांत दर्द में आराम मिलता है। इनमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल तत्व दांतों और मसूड़ों की रक्षा करते हैं।
डायरिया और पेचिश में राहत : अमरूद की 5-7 पत्तियां और एक मुट्ठी चावल के पाउडर को दो गिलास पानी में उबालें। इसे छान कर दिन में दो बार पिएं। पेचिश के लिए अमरूद के पत्ते और जड़ को 20 मिनट उबालें। छान कर दिन में दो बार पिएं।
पाचन-तंत्र को रखे दुरुस्त : अमरूद की चाय पाचन एंजाइम के उत्पादन को बढ़ा कर पाचन-तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करती है। एंटी बैक्टीरियल एजेंट होने के कारण यह पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने और विषाक्त एंजाइमों को बढ़ने से रोकने में कारगर है। फूड पॉयजनिंग, उल्टी या घबराहट में आराम मिलता है।
कोलेस्ट्रॉल करे कम : पत्तियों का काढ़ा पीने से ब्लड लिपिड, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल सुधारने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है।
डायबिटीज में फायदेमंद : अमरूद की पत्तियों का काढ़ा एल्फा-ग्लूकोसाइडिस एंजाइम की क्रिया से ब्लड शुगर को कम करता है। साथ ही सूक्रोज और लैक्टोस के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है।
जोड़ों का दर्द करे दूर : पत्तों को पीस कर पेस्ट बना लें। इसे थोड़ा गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगाएं। इससे दर्द और शरीर में होने वाली सूजन में आराम मिलता है। जोड़ों के दर्द में अमरूद की पत्तियों का काढ़ा दिन में दो बार पीना फायदेमंद है। यह दर्द को खींच लेता है और सूजन कम करता है।
डेंगू बुखार में असरदार : अमरूद के पत्तों का काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया जैसे बुखार में पीना फायदेमंद है। इसके पत्तों का अर्क और अमरूद का जूस ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या में बढ़ोतरी करने में सहायक है। एक छोटा गिलास रस रोगी को दो-तीन बार में दिया जा सकता है। इससे ज्यादा मात्रा देना ठीक नहीं।
दांत दर्द में उपयोगी : इसकी पत्तियों को उबाल कर गरारे करने से दांत दर्द में आराम मिलता है। इनमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल तत्व दांतों और मसूड़ों की रक्षा करते हैं।
डायरिया और पेचिश में राहत : अमरूद की 5-7 पत्तियां और एक मुट्ठी चावल के पाउडर को दो गिलास पानी में उबालें। इसे छान कर दिन में दो बार पिएं। पेचिश के लिए अमरूद के पत्ते और जड़ को 20 मिनट उबालें। छान कर दिन में दो बार पिएं।
पाचन-तंत्र को रखे दुरुस्त : अमरूद की चाय पाचन एंजाइम के उत्पादन को बढ़ा कर पाचन-तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करती है। एंटी बैक्टीरियल एजेंट होने के कारण यह पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने और विषाक्त एंजाइमों को बढ़ने से रोकने में कारगर है। फूड पॉयजनिंग, उल्टी या घबराहट में आराम मिलता है।
सावधानियां
हालांकि अमरूद पोषक तत्वों की खान है, लेकिन एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो अमरूद से ज्यादा खाने से बचना चाहिए। पचने में दिक्कत होने के कारण अगर हो सके तो इसके बीज निकाल कर खाएं। इससे पेट दर्द की आशंका भी नहीं रहती।
हालांकि अमरूद पोषक तत्वों की खान है, लेकिन एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो अमरूद से ज्यादा खाने से बचना चाहिए। पचने में दिक्कत होने के कारण अगर हो सके तो इसके बीज निकाल कर खाएं। इससे पेट दर्द की आशंका भी नहीं रहती।
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