अनार खाने के फायदे Anar Khane Ke Fayde In Hindi. अनार का जूस पीने के फायदे (anar juice ke fayde hindi me) वैसे ही हैं जैसे अनार खाने के होते हैं, साथ अनार के छिलके खाने (anar ke chilke ke fayde in hindi) के भी अनेको लाभ होते हैं :अनार के बारे में सामान्य बातेंहमारे देश में इसका पेड़ सभी जगह उगाया जाता है । कन्धार, काबुल और भारत के उत्तरी भाग में पैदा होने वाले अनार बहुत रसीले और अच्छी किस्म के होते है ।इसका कई शाखाओं से युक्त पेड़ 20 फीट तक ऊंचा होता है । इसकी छाल चिकनी, पतली, पीली या गहरे भूरे रंग की होती है । पत्ते कुछ लंबे व कम चौड़े होते हैँ ।इसके फूल नारंगी व लाल वर्ण, कभी-कभी पीले 5-7 पंखुड़ियों युक्त एकल या 3-4 के गुच्छों में होते है । फल गोलाकार, लगभग दो इंच व्यास का होता है | इसका आवरण लाल या पीलापन लिए हुए काफी कड़ा और मजबूत होता है । फल का छिलका हटाने के बाद सफेद, लाल ताल या गुलाबी आभा वाले रसीले दाने होते है । रस की द्रष्टि से यह फल मीठा, खट्टा-मीठा और खट्टा तीन प्रकार का होता है ।
अनार के विभिन्न भाषाओं में नाम संस्क्रत – दाड़िम ।हिन्दी – अनार ।मराठी – डालिंब ।गुजराती- दाडम ।बंगाली – दालिम ।अग्रेजी – पोमेग्रेनेट (pomegranate) ।लेटिन – प्यूनिका ग्रेनेटम (punica granatum)।अनार के औषधीय गुण Anar Ke Aushdheey Gunरोगियों के लिए शक्तिदायक और रोग प्रतिरोधक सिद्ध होने के कारण यह फल ‘एक अनार और सौ बीमार’ वाली कहावत को चरितार्थ करता है । यों तो अनार एक स्वादिष्ठ, पौष्टिक आहार है, लेकिन इसका उपयोग फल के रूप में कम व औषधि के रूप में अधिक किया जाता है। इसके पत्ते, जड़, छाल, फूल, बीज, फल के छिलके सभी उपयोगी होते हैं।आयुर्वेद के अनुसार मीठी अनार वात, पित्त, कफ तीनो का नाश करता है। यह शीतल, तृप्तिकारक, वीर्यवर्धक, स्निग्ध, पौष्टिक, हलका, संकोचक, क्रमिनाश्क होने के साथ – साथ प्यास, जलन, ज्वर, ह्दय रोग, कंठ रोग, मुख की दुर्गध को भी दूर करता है। जबकि खट्टा-मीठा अनार पित्त, जठराग्निवर्द्धक, रुचिकारी, हलका व थोड़ा पित्तकारक होता है। खट्टा अनार खट्टे स्वाद का, वात, कफ को नाश करने वाला, पित्त को उत्पन्न करने वाला होता है।यूनानी चिकित्सकों के अनुसार मीठा अनार पहले दर्जे का शीतल, स्निग्ध, हृदय और यकृत के लिए बलदायक, दाह शांत करने वाला, गले और छाती में मृदुता लाने वाला फल है। पत्तों की अपेक्षा गूदा, गूदे की अपेक्षा छाल, फूल की अपेक्षा कली और जड़ की छाल में अधिक औषधीय गुण होते हैं।वैज्ञानिकों के अनुसार रासायनिक संगठन ज्ञात करने पर अनारदाना में आर्द्रता 78, कार्बोहाइड्रेट14.5, प्रोटीन 1.6, वसा 0.1 प्रतिशत होती है। इसके अलावा फास्फोरस, कैल्शियम, सोडियम, तांबा, मैगनेसियम, पोटेशियम, ओक्जेलिक अम्ल, लोहा, गंधक, टेनिन, शर्करा, विटामिन्स होते हैं। फल की छाल में 25 प्रतिशत, तने के गूदे में 25 प्रतिशत तक, पत्तियों में 11 प्रतिशत और जड़ की छाल में 28 प्रतिशत टैनिन होता है।अनार के हानिकारक प्रभाव (Anar Khane Ke Nuksaan): यह फल शीत प्रकृति वालों के लिए नुकसानदेह है। इसलिए जिन लोगों की प्रकृति शीत है वे इसका सेवन कम से कम करें |एक बार में अनार खाने की मात्रा – फल का रस 20 से 25 मिलीलीटर, बीजों का चूर्ण 6 से 9 ग्राम, छाल का चूर्ण 3 से 5 ग्राम, पुष्प कलिका 4 से 5 ग्राम।अनार के फायदे विभिन्न रोगों में Anar Khane Ke Fayde Hindi Me1. नाक से खून (नकसीर) : अनार का रस नथुनों में डालें।2. मूत्र की अधिकता : एक चम्मच अनार के छिलकों का चूर्ण एक कप पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करें।3. चेहरे का सौंदर्य : गुलाब जल में अनार के छिलकों का बारीक चूर्ण का अच्छी तरह बनाए लेप को सोते समय नियमित रूप से लगाकर सुबह चेहरा धो लें। इससे दाग के निशान, झांइयों के धब्बे दूर हो जाएंगे।4. पेट दर्द : नमक और काली मिर्च का पाउडर अनार के दानों में मिलाकर सेवन करें।5. शरीर की गर्मी : अनार का रस पानी में मिलाकर पीने से गर्मी के दिनों में बढ़ी शरीर की गर्मी दूर होती है।6. अजीर्ण : 3 चम्मच अनार के रस में एक चम्मच जीरा और इतना ही गुड़ मिलाकर भोजन के बाद सेवन कराएं। अजीर्ण (अपच) का घरेलु उपचार Ajeenra Ka Gharelu Desi Ilaj7. दांत से खून आना : अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लें। इसे मंजन की तरह दिन में 2-3 बार मलें । खून आना बंद होकर दांत मजबूत हो जाएंगे।8. खांसी : अनार के छिलकों पर सेंधानमक लगाकर चूसें।9. अरुचि : अनार दानों पर सेंधानमक, काली मिर्च, जीरा, हींग अल्प मात्रा में डालकर मिला लें, फिर चबाकर सेवन करें।10. कृमि रोग : अनार के सूखे छिलकों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार नियमित रूप से कुछ दिन सेवन करें। यही प्रयोग खूनी दस्त, खूनी बवासीर, स्वप्नदोष, अत्यधिक मासिकस्राव में भी लाभप्रद है। पेट के कीड़े का घरेलू इलाज Pet Ke Kide Marne Ke Gharelu Upay11. वमन : अनार के बीज पीसकर उसमें थोड़ी-सी काली मिर्च और नमक मिलाकर खाने से पित्त की वमन और घबराहट में आराम मिलता है।
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