शीर्षासन योग के लाभ



शीर्षासन योग क्या है ?
शीर्ष का मतलब होता है सिर (माथा) और आसन योगाभ्यास के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शीर्षासन के जितने भी फायदे गिनाये जाएं कम है। इसकी लाभ और उपयोगिता इस बात से समझा जा सकता है कि आसनों की दुनिया में इस योगाभ्यास को राजा के नाम से जाना जाता है। यह योगाभ्यास आपको सिर से लेकर पैर की उँगुलियों तक फायदा पहुँचाता है।
शीर्षासन योग कैसे करें?
वैसे पहले पहले लोग इस आसन के अभ्यास से घबराते हैं। लेकिन इसके करने के तरीके पता हो तो इसको बहुत आसानी के साथ प्रैक्टिस किया जा सकता है। और इस योग का ज़्यदा से ज़्यदा फायदा उठाने के लिए जरूरी है इसको सही विधि के साथ किया जाए। यहां पर आपको शीर्षासन के सरल तरीके बताये जा रहे हैं।
शीर्षासन विधि
सबसे पहले आप अपने योग मैट के आगे बैठ जाए।
अब आप अपने अंगुलियों को इन्टर्लाक करें और अपने सिर को उस पर रखें।
धीरे धीरे अपने पैरों को इन्टर्लाक अंगुलियों का मदद लेते हुए ऊपर उठायें और इसे सीधा करने की कोशिश करें।
शरीर का पूरा भार अब आप इन्टर्लाक किये हुए अंगुलियों और सिर पर लें।
इस अवस्था में कुछ देर तक रुकें और फिर धीरे धीरे घुटनों को मुड़ते हुए पैरों को नीचे लेकर आयें।
यह एक चक्र हुआ।
आप इसे 3 से 5 बार कर सकते हैं।
 


शीर्षासन योग के लाभ
जितने भी योगाभ्यास है उसमें शीर्षासन को किंग कहा गया है। इसी बात से इसके फायदे और महत्व के बारे में जाना जा सकता है।
शीर्षासन वजन के कंट्रोल में: इस योगाभ्यास के करने से थाइरोइड एवं पारा थाइरोइड अंतःस्रावी गंथियों को स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है और हॉर्मोन का सही तरीके से स्राव होने लगता है। मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है और शरीर के वजन को बढ़ने से रोकता है।
शीर्षासन रोके बालों का गिरना: शीर्षासन बालों को सूंदर बनाता है। शीर्षासन अभ्यास से मस्तिष्क वाले भाग में ऑक्सीजन का प्रवाह अधिक हो जाता है और मस्तिष्क को उपयुक्त पोषक तत्व पहुँचता है। शीर्षासन न केवल बालों के झड़ने को ही नहीं रोकता बल्कि बालों से सम्बंधित और समस्याओं जैसे काले व घने बाल, लम्बे बाल, बालों का कम झरना, बालों को सफेद होने से रोकना इत्यादि में काम आता है।
त्वचा के निखार में शीर्षासन: यह आपके त्वचा को मुलायम, खूबसूरत और ग्लोइंग प्रदान करता है। इसके अभ्यास से चेहरे वाले हिस्से में खून का बहाव अच्छा हो जाता है और शरीर के पुरे अग्र भाग में पोषक तत्व सही रूप में पहुँच पाता है।
शीर्षासन मेमोरी बढ़ाने में: इस आसन के अभ्यास से सिर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है जिससे स्मृति बढ़ती है।
शीर्षासन तंत्रिका तंत्र के लिए: यह आसन तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है।
शीर्षासन अंतःस्रावी गंथियों के लिए: यह आसन पिटुइटरी ग्रन्थि को स्वस्थ रखता है और इसके हॉर्मोन स्राव में मदद करता है। चूंकि शीर्षासन मास्टर ग्लैंड है इसलिए यह सभी अंतःस्रावी गंथियों को विनियमित करता है।
शीर्षासन पाचन तंत्र के लिए: यह पाचन तंत्र को मजबूत करते हुए पाचन के लिए लाभकारी है।
पीयूष ग्रन्थि के स्वस्थ में शीर्षासन: यह पीयूष (पिटुइटरी) ग्रंथि एवं शीर्ष ग्रंथि के कामकाज को बेहतर करता है।
यकृत के स्वस्थ के लिए शीर्षासन: यह योगाभ्यास यकृत एवं प्लीहा के रोगों में लाभप्रद है।
एकाग्रता को बढ़ाने के लिए शीर्षासन: यह एकाग्रता की क्षमता बढ़ाता है तथा अनिद्रा में सहायक है।



शीर्षासन की सावधानी
जिनको उच्च रक्तचाप हो उन्हें यह आसन नहीं करनी चाहिए।
हृदय रोग से पीड़ित लोगों को इस आसन के करने से बचना चाहिए।
सर्वाइकल स्पॉण्डिलाइटिस के रोगियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
शर्दी एवं अत्यधिक जुकाम के हालात में इस आसन को मत करें।
कान बहने की शिकायत होने पर भी इस आसन के करने से बचना चाहिए।
आरंभ में कम अवधि के लिए यह आसन करना चाहिए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ